Luke 12:22-34

चिंता झन करव

(मत्ती 6:25-34)

22तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “एकरसेति मेंह तुमन ला कहत हंव, अपन जिनगी के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का खाहू, या अपन देहें के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का पहिरहू। 23जिनगी ह खाना ले जादा महत्‍व के अय, अऊ देहें ह ओन्ढा ले जादा महत्‍व रखथे। 24कऊवां चिरईमन के बारे सोचव: ओमन न कुछू बोवंय अऊ न लुवंय; ओमन करा न भंडार-घर हवय न ही कोठार; तभो ले परमेसर ओमन ला खवाथे। तुमन तो चिरईमन ले बढ़ के अव। 25तुमन म अइसने कोनो हवय, जऊन ह चिंता करे के दुवारा अपन जिनगी के एक घरी घलो बढ़ा सकथे? 26जब तुमन ए बहुंत छोटे चीज ला नइं कर सकव, त तुमन आने बड़े चीजमन के बारे म चिंता काबर करथव?

27सोचव कि जंगली फूलमन कइसने बाढ़थें; ओमन न मिहनत करंय अऊ न ही अपन बर कपड़ा बनावंय। पर मेंह तुमन ला बतावत हंव, अऊ त अऊ सुलेमान सहीं धनी राजा घलो एमन ले काकरो सहीं सुघर कपड़ा नइं पहिरे रिहिस। 28जब परमेसर ह भुइयां के कांदी ला अइसने कपड़ा पहिराथे, जऊन ह आज इहां हवय अऊ कल आगी म झोंके जाही, त हे अल्‍प बिसवासीमन, का ओह तुमन ला अऊ जादा कपड़ा नइं पहिराही। 29अऊ एकर धियान म झन रहव कि तुमन का खाहू या का पीहू; एकर चिंता झन करव। 30काबरकि ए संसार म परमेसर ऊपर बिसवास नइं करइयामन ए जम्मो चीज के खोज म रहिथें, अऊ तुम्‍हर ददा परमेसर ह जानथे कि तुमन ला ए चीजमन के जरूरत हवय। 31परमेसर के राज के खोज म रहव, त संग म ए चीजमन घलो तुमन ला ओह दिही।

32हे छोटे झुंड! झन डर, काबरकि तोर ददा परमेसर ह तोला राज देके खुस हवय। 33अपन संपत्ति ला बेंच अऊ गरीबमन ला दे। अपन बर अइसने बटुवा बनावव, जऊन ह जुन्ना नइं होवय, याने स्‍वरग म अपन धन जमा करव, जऊन ह कभू नइं घटय; जेकर लकठा म चोर नइं आ सकय अऊ जऊन ला कीरा घलो नइं खा सकय। 34काबरकि जिहां तोर धन हवय, उहां तोर मन घलो लगे रहिही।”

Copyright information for HneNNC